बुधवार, 10 दिसंबर 2008

तेरे पूजन को भगवान

तेरे पूजन को भगवान , बना मन-मन्दिर आलीशान :ध्रुव पद:
तू इसमें बैठा रहता है, निश-दिन काम करा लेता है
तेरी गरिमा
के गुण-गान, गाऊं दिल से मन में जानतेरे पूजन को भगवान ******
किसने जानी तेरी माया, किसने भेद तुम्हारा पाया
तेरी लीला ईश महान, कराता नये नवेले कामतेरे पूजन को भगवान *********
मैने जानी तोरी माया , मैने भेद आपका पाया ॥
आप हो सच्चाई की खान, सदा
रहते हो अंतर्ध्यान ॥ ३॥ तेरे पूजन को भगवान ************
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4 टिप्‍पणियां:

हिन्दीवाणी ने कहा…

सुदंर ब्लॉग। लिखते रहिए। मेरे ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है।

bijnior district ने कहा…

हिंदी लिखाड़ियो की दुनिया में आपका स्वागत । अच्छा लिखे। खूब लिखे। हजारों शुभकामनांए।

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

Manoj Kumar Soni ने कहा…

सच कहा है
बहुत ... बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
टेम्पलेट अच्छा चुना है. थोडा टूल्स लगाकर सजा ले .
)
कृपया मेरा भी ब्लाग देखे और टिप्पणी दे
http://www.manojsoni.co.nr