शतं जीव शरदो वर्धमानः
२००९ वर्ष, किसी एक मानव का ?
हम क्यों मनाएं ? इस वर्ष की विशेषता ?
हमारा भी अपना कोई वर्ष तो है ।
मैं क्यों मनाऊं ?
मैं कौन ? आत्म चिंतन, नही ; चिंतित भी क्यों ? मै तो .......
अहं निर्विकल्पो निराकाररूपो विभुर्व्याप्य सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् ।
सदा मे समत्वं न मुक्तिर्न बन्धः चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽ हम् ॥
चिति शक्ति के साथ साथ सबको आनंद कराते रहना, २+०+०+९=" नो दो ग्यारह" ??
रविवार, 28 दिसंबर 2008
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